क्योंकि गुर्दे में रक्त सर्वप्रथम वृक्क प्रांतस्था में और फिर गुर्दे मज्जा (भीतर की किडनी) में प्रवाहित होती है, इसलिए गुर्दे का अंदरूनी भाग रक्त प्रवाह के प्रति बड़ा ही संवेदनशील होता है।
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क्योंकि गुर्दे में रक्त सर्वप्रथम वृक्क प्रांतस्था में और फिर गुर्दे मज्जा (भीतर की किडनी) में प्रवाहित होती है, इसलिए गुर्दे का अंदरूनी भाग रक्त प्रवाह के प्रति बड़ा ही संवेदनशील होता है।